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Showing posts from October, 2024

Religions were formed for Humanity. Harmony will flurish them.

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■ Humanity is the reason why religions were formed. See how : ● In the initial stages we were living just like animals. Then we started growing because of our brain, emotions and thoughts. We desired that we should be better humans. no other animal thinks of being a better dog or sparrow !  ● On the contrary Due to selfish motives sometimes we become worse than animals too.  》》For both these reasons; they fealt of sowing seeds of humanity. ❤️ Different cultures and different religion took up the the job to make people better humans. So what's the first thing is clearly evident ! Some religions may excel and some may not Excel in that job.  Humanity is not an institution, not a group of people but a thought that convert US in a better human being.  ☆ The other side of the coin is : There is all possibility that religions may fail in that job. Sometimes they have failed too.. Religions are institutions which help do that job better. But the pros have cons too. Millions of lost lives

उपनिषद ज्ञान भाग ~१८ ईशावास्य उपनिषद का समापन व सार.

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● उपनिषद ज्ञान भाग ~ १८  ईशावास्य उपनिषद श्लोक ~ १८  ( अंतिम श्लोक ) अग्ने नय सुपथा राये अस्मान्विश्वानि देव वयुनानि विद्वान्‌ ।  युयोध्यस्मज्जुहुराणमेनो भूयिष्ठां ते नम उक्तिं विधेम ॥१८॥  ○ हे अग्ने, हे देव; तुम सब प्रकार के कर्मो को जानते हो । तुम हमे उन्नति के लिये ऐसे मार्ग से ले चलो जो सुपथ हो । जो कुटिल पाप-मार्ग है उसे हमसे अन्तरात्मा का युद्ध कराकर पृथक्‌ / अलग करो ।  हम बार-बार तुझे नमस्कार करते हैं । अपने अंतिम सांस गिनने वाले मुनिवर जो बातें करते हैं; उसका इस श्लोक में समापन हो जाता है । अब थोड़े ही देर में जब प्राण चले जाएंगे तो अग्नि से शरीर का भस्म होने वाला है । इसलिए वह अग्नि से ही प्रार्थना करते हैं कि; हे अग्नि देवता - आप मेरे अंदर ऐसा बदलाव कराओ के पाप का कोई विचार ना रहे । यह बात बाकी जीवन के लिए भी लागू है; की अग्नि से प्रार्थना हो के; जला दो मेरे कुकर्मों को, जला दे बुरे विचारों को ... और मुझे ले चलो अच्छे कर्मों के पथ पर । हे अग्नि देव मुझे सद् कर्म के लिए अच्छे विचार और वैसी कृति दे दे और मुझे पाप मार्ग से दूर हटा दे । यह है हमारी प्रार्थना । यदि ऐसा होगा तो

उपनिषद ज्ञान भाग ~ १७ क्या छोड़कर जाना है मरने के बाद ?

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● उपनिषद ग्यान भाग~ १७   इशावास्य उपनिषद श्लोक ~ १७ : वायुरनिलममृतमथेदं भस्मान्तम् शरीरम्‌ ।  ॐ ऋतो स्मर कृत स्मर ऋतो स्मर कृत स्मर ।॥ १७ ॥  ○ जो प्राण-वायु शरीर में रहता है वह मृत्यु के समय विश्व के अनिल अर्थात्‌ विश्व के प्राण में लीन हो जाता है । यह शरीर नही वह प्राण - वह आत्मा ही अमर है । शरीर तो जबतक भस्म नहीं हो जाता तभी तक है ।  हे कर्म करने वाले जीव;  तुमने आगे जो कर्म करना है उसे स्मरण कर, और कृतः -- जो तू अबतक कर्म कर चुके हो, उसे स्मरण कर ॥१७।। जो पिंड में है; वही ब्रम्हांड में है  means whatever principle is in our body the same is in the world / universe - यह हमारा तत्वज्ञान कहता है । उसके अनुसार जो शरीर में वायू है प्राण है वह महद् आकाश मे या विशाल महाभूतो मे होने वाले अनिल है उसमे विलीन हो जायेगा । शरीर तो बस तब तक है जब तक उसमें प्राण है; बाद में तो उसे भस्म ही हो जाना है । वे देखते हैं कि यह पार्थिव शरीर अग्नी को समर्पित किया जायेगा । मुनिवार देख सकते है की; मेरे प्राण शरीर को छोडके जा रहे है; शरीर को अग्नी के हवाले किया जा रहा है । देख सकते है की आगे क्या होने वाला ह

भारताबाहेरील जगासंबंधी पुस्तकांचे वाचन आवश्यक ?

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आपण प्रत्येकानेच - वेगवेगळ्या प्रकारचे सगळीकडील साहित्य वाचावे - ही विनंती.    मगच आपले मत बनवावे.   माझे वाचन अतिशय मर्यादित आहे; पण तरीही बाहेरचे जे थोडाफार वाचले ते असे _ ●१ ब्रिटिश : 1812 व 1885 सालातील ब्रिटिश संस्कृती संबंधित माहिती देणारी 3 पुस्तके - सेन्स अँड सन्सिबिलिटी, प्राइड अँड प्रिजुडीस, पोर्टेट ऑफ अ लेडी ही पुस्तकं वाचली आहेत. ●२ अमेरिकन : चार्ली चैप्लिन, अब्राहम लिंकन व एक होता कार्व्हर चे चरित्र वाचले आहे.  शांता शेळके अनुवादित चारचौघी हे अमेरिकन जीवन व संस्कारक्षम माते संबंधीचे पुस्तक वाचले आहे. ●३ अफगाणिस्तान : तेथे जन्मलेल्या व अनुभूती घेतलेल्या मुलाचे चरित्रात्मक वाटणारे किंवा वास्तवास धरून असलेले द काईट रनर वाचले आहे.  नॉट विदाऊट माय डॉटर वाचले आहे. ●४ पोलंड  : डायरी ऑफ अ यंग लेडी हे जर्मन / पोलंड येथील कु. आना फ्रेंक हीचे पुस्तक वाचले आहे. ●५ रशिया : येथील क्रांतीसंबंधी कार्यकर्ता परिचय असणारे मॅक्झिम गॉर्की हे वाचले आहे व त्याचे आई हे कादंबरी वाचली आहे. ●६   कुराण व बायबल थोड्या प्रमाणात वाचले आहे.  😇 आणि इतर काय काय ते आठवत नाही. ●● अनेक भाषातील चित्रपट