Posts

Showing posts with the label हिंदी

मानवता के विचार संग्रह हिन्दी ...मानवता thoughts compilation in Hindi

Image
1 विश्व की सारी समस्या अति स्वार्थ बुद्धि से दूसरों को तकलीफ देना और उनका शोषण करना । इस कारण सारी समस्या पैदा हुई है । उसका एकमात्र जवाब मानवता है - जो सिखाता है कि दूसरों को तकलीफ नहीं देना है । दूसरों का शोषण नहीं करना है । दूसरों के ऊपर अनैतिक दबाव नहीं बनाना है । इसलिए मानवता सभी धर्मों से ऊपर है। उलटा मानवता ही वह कारण है जिसके कारण धर्मों का निर्माण हुआ।  देखें कैसे:  ■ शुरुआती दौर में हम जानवरों की तरह ही रह रहे थे। फिर हम अपने मस्तिष्क, भावनाओं और विचारों के कारण बड़े होने लगे। हम चाहते थे कि हम बेहतर इंसान बनें। कोई भी दूसरा जानवर बेहतर कुत्ता या बेहतर चिडिया बनने के बारे में नहीं सोचता! इसके विपरीत मनुष्य स्वार्थी उद्देश्यों के कारण कभी-कभी हम जानवरों से भी बदतर हो जाते हैं।  ■ दोनों कारणों से मानवता के विचार / आचार की आवश्यकता हुई । अलग-अलग संस्कृतियों और अलग-अलग धर्मों ने लोगों को बेहतर इंसान बनाने का काम अपने हाथ में लिया। तो इसमें सबसे पहले क्या आया है यह स्पष्ट है! कुछ धर्म इस काम में बेहतर हो सकते हैं और कुछ नहीं।  ■ इसलिए इस बात की पूरी संभावना है...

उपनिषद ज्ञान भाग ~ १० Upanishada wisdom for all.

Image
उपनिषद ज्ञान भाग ~ १० इशोपनिषद श्लोक ८ ^  ☆ थोड़ा बचा हुआ विवरण बता रहा हूं :  ■ विष्णु सहस्त्रनाम के छठे श्लोक में अज्ञात नाम के ऋषि मुनि कहते हैं कि; वह विश्वकर्मा है - उसके कर्म से ही यह पूरा विश्व प्रकट हुआ है , निर्मित हुआ है ।  ● और फिर हमारे ज्ञानेश्वर माऊली उनकी किताब अमृतानुभव में कहते है की; वही शिव तत्व है जिसे हम आत्मतत्व कहते है; वही पलट कर शक्ति के रूप में अपनी लीला / माया दिखता है । और तब ही यह संपूर्ण प्रकृति का विकास होता है ।  ● इसीलिए विष्णु सहस्त्रनाम के पहले श्लोक में उसे विश्व, विष्णु मतलब : ऑल परवेडिंग व पूरा यूनिवर्स कहा है । ■ और कहते हैं यह सृष्टि की निर्मिती, उसका भरण पोषण और उसका विनाश मतलब आदि मध्य अंत ये जो सब तीनों बातें हैं ; जिन्हें करने वाले हैं ब्रह्मा विष्णु और महेश हैं; उन सबका मिलकर जो कार्य है वह इस परब्रह्म का ही तो है । ¤《 वैसे तो वह निर्गुण निराकार होने के कारण कुछ करता नहीं है पर मानते हैं कि वो करता है; ताकि हमें अहंकार ना हो । विरुद्ध बातें एक साथ समझना थोड़ा मुश्किल तो है; लेकिन बहुत गहरी सोच करते जाओगे ...