मानवता के विचार संग्रह हिन्दी ...मानवता thoughts compilation in Hindi

1
विश्व की सारी समस्या अति स्वार्थ बुद्धि से दूसरों को तकलीफ देना और उनका शोषण करना । इस कारण सारी समस्या पैदा हुई है । उसका एकमात्र जवाब मानवता है - जो सिखाता है कि दूसरों को तकलीफ नहीं देना है । दूसरों का शोषण नहीं करना है । दूसरों के ऊपर अनैतिक दबाव नहीं बनाना है ।
इसलिए मानवता सभी धर्मों से ऊपर है। उलटा मानवता ही वह कारण है जिसके कारण धर्मों का निर्माण हुआ।
 देखें कैसे: 
■ शुरुआती दौर में हम जानवरों की तरह ही रह रहे थे। फिर हम अपने मस्तिष्क, भावनाओं और विचारों के कारण बड़े होने लगे। हम चाहते थे कि हम बेहतर इंसान बनें। कोई भी दूसरा जानवर बेहतर कुत्ता या बेहतर चिडिया बनने के बारे में नहीं सोचता!
इसके विपरीत मनुष्य स्वार्थी उद्देश्यों के कारण कभी-कभी हम जानवरों से भी बदतर हो जाते हैं। 
■ दोनों कारणों से मानवता के विचार / आचार की आवश्यकता हुई । अलग-अलग संस्कृतियों और अलग-अलग धर्मों ने लोगों को बेहतर इंसान बनाने का काम अपने हाथ में लिया। तो इसमें सबसे पहले क्या आया है यह स्पष्ट है! कुछ धर्म इस काम में बेहतर हो सकते हैं और कुछ नहीं। 
■ इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि धर्म इस काम में विफल हो सकते हैं। मानवता वह आधार है जो उनकी गलतियों को सुधार सकता है। मानवता कोई संस्था नहीं है, लोगों का समूह नहीं है बल्कि एक विचार है जो हमें बेहतर इंसान बनाता है।
इसलिए सर्वोच्च धर्म बनने और उस पर लड़ने के बजाय, हमें सभी को मानवता के मूल गुण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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2
भलाई -
भेड़ियोंके बाजार में भिंड़ी बेचना मुश्किल है ।
इसलिए 
अकेले भला बनना मुश्किल है ।
इसलिए खुद ही बुरा बन जाना यह कोई सही मार्ग नहीं है ।
बल्कि खुद भला बैंक दूसरों को,
सबको भलाई का संदेश भेज दे देना है ।।
3
एक निश्चय करके निम्नलिखित वाक्य अपने आप से बोलना है -
१. मै पुरे विश्व के सभी जाती धर्मोंके मानवोंको एक जैसा मानुंगा / गी और उनसे एक मानव जैसा व्यवहार और विशुद्ध प्रेम करूंगा / गी. 
२. मै स्त्री व पुरूष को समान मानकर स्त्री व पुरूष का पूरा सम्मान करूंगा / गी 
३. मै मेरे धर्म या भगवान को न माननेवालों का भी पुरा सन्मान करूंगा / गी. 
४ मै ईश्वर को न माननेवालों का भी पुरा सन्मान करूंगा / गी. 
मै निजी स्वार्थ के लिये किसी का शोषण नही करूंगा / गी. 
६ मै अपने मन के विकारोंको काबू मे रख कर सारे व्यवहारोंका पालन करूंगा / गी
७ मै अपने व्यवहार से किसी मनुष्य को पीडा नहि दुंगा / दुंगी.
इस प्रकार से आचार विचार करनेसे हम सच्चे मानवता धर्मी बन जायेंगे ।
मानवता धर्मी होने के लिये आपको अपना सद्य धर्म छोडने कि बिलकुल जरूरत नही । लेकिन उपर लिखे हुए विचारोंके व आचारोंके विरूद्ध यदि कुछ हो तो उसे छोडना पडेगा । आप अपने अपने इश्वर की पुजा भक्ती भी जारि रख सकते हैं और यदि निरिश्वर वादी है तो बिलकुल वैसे हि रह सकते है । 
मानवता धर्मी को किसी प्रकार के पुजा पद्धती का कोइ बंधन नही. उपर बताये वर्तन को साध्य करने आप अपना तरिका इस्तमाल कर सकते है. इस प्रकार दुनिया के सारे मनुश्य इसमे शामील हो कर विचार और बर्ताव करके सबके लिये आनंद शांती व सुख का ध्येय प्राप्त करें यहि इस धर्म का उद्देष्य है ।
आप मानवता धर्मी बने और लाइक  सबको इसमे सम्मिलित करें यही प्रार्थना है । धन्यवाद.
4
यह है मानव का इतिहास जो एक अत्यंत कुशाग्र बुद्धि के ज्ञाता संशोधक युवाल हरारी ने लिखा हुआ ।
कुछ महत्व पूर्ण बाते आपके सामने रख रहा हूं । आज हमारी जो प्रजाति है उसे होमो सेपियनस कहते है । होमो जाती में और भी प्रजाति हुआ करती थीं जो आज नहीं रही केवल सेपियंस हम रह गए है ।
सेपियंस का यानी हम मानवों का इतिहास बड़ा उत्कंठा पूर्ण रहा है । हम जो विश्व के शीर्षस्थ स्थान पर है वैसे नहीं थे लेकिन पहुंच गए । इसके अनेक कारण है जिसमें बुद्धि के साथ साथ संघठन भी महत्व पूर्ण रहा है । लेकिन यह इतिहास जिसे हम आज मानवता कहते है उस मानवता का नहीं रहा, बड़ा हिंसक रहा है । हमने ना केवल अनेक महाकाय सस्तन प्राणियोंके प्रजाति नष्ट किए अपितु मानव की अन्य प्रजातियों को भी नष्ट किया है । हिंसक प्राणी में भी अपनी प्रजाति नष्ट करने का इतिहास नहीं है । जैसे की वाघ सिंह दोनों ही मौजूद है cat family se । इसलिए आज भी समूहों में हिंसा दिखाई देती है । गलत या योग्य में मै नहीं जाना चाहता । लेकिन यह वास्तव है । जो हमारे जींस में भी चला गया हो सकता है ।
5
घोर कलियुग आया है इसलीये कुछ नही हो सकता ?
जब दोस्तोंसे मानवता की दास्तां होती है तो कुछ फ्रेंड्स कहते है कि घोर कलियुग है इसलिए कुछ नही होनेवाला ।। 
लेकिन मेरा अध्ययन तो कुछ और ही बताता है । मानवीय व्यवहार को देखें तो हिंसा का बड़ा प्रभाव रहा है इतिहास काल से । रोमन, यूरोपियन, अरेबिक साम्राज्यवाद, semetic war ये कुछ उदाहरण मात्र है । इसके अलावा अंतर राज्यीय युद्ध भी होते थे जैसे फ्रांस और इंग्लैंड हो या अशोक का कलिंग संहार हो । 
इन सबमे अपनी राज्य या धर्म सत्ता को स्थापित करनेका इरादा प्रभावी रहता था । युद्ध कहे तो उसके साथ हिंसा, बलात्कार, शोषण, deceiving ये बाते भी आती ही है । 
 हम गत 70 सालोंसे महायुद्ध से बचते आए हैं यह मानवता के लिए निश्चित रूप से आगे बढ़ना ही हुआ  है । 
और भी मुद्दे है जिनके बारेमे मानव सुधार हो रहा है । जैसे स्त्री के प्रति समानता का दृष्टिकोन , slavery प्रथा का खात्मा होना, लोकशाही स्थापित होना, अंधश्रद्धा का विरोध करना, अस्पृश्यता नष्ट होना आदि रूप में हम थोड़े और अच्छे इंसान बन गये है ।  
इंडोनेशिया के बहुसंख्य क़ौम होनेवाले मुस्लिम भाई अल्लाह के साथ साथ भगवान राम को भी अपना मानते है । भारत के उस्ताद मोइनुद्दीन डागर साहब गणेश वंदना को अपनी अंतरात्मा के भाव से गाते थे । पंडित जसराज जी मेरी अल्लाह मेहरबान इस गीत को उसी आत्मीय भाव के साथ गाते है । संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत जी कहते है की हमे हमारे ३३ करोड़ देवी देवता के साथ अल्लाह को जोड़ने में कोई ऐतराज़ नहीं है । मै अपने मुस्लिम Christian Jain भाई बहनों का स्वागत असल्लाम आलेकुम या गॉड इज ग्रेट या नमो अरिहंतानाम से करता हूं । इन उदाहरणों को सामने रखते हुए सारे हिन्दू मुस्लिम Christian Jain आदी लोग अपना धर्म निभाते हुए दुसरोंके मत ईश्वर का आदर करें, बाकी सब तोड़ने वाली बातोंको दूर रखे और जोड़ने की कोशिश करे तब जा कर विश्व आगे बढ़ेगा और विश्व में इस उदाहरण से शांति का माहौल पैदा हो जाएगा । क्या हम यह तहे दिल से कर सकते है ? मुझे लगता है जी हां जरूर कर सकते हैं ।   
मै अन्सारी को अल्लाह मालिक है बोल दू और वे मुझे जय गणेश से अभिवादन करे ।
 मै जिमीत को जय जिनेन्द्र बोलू और वह मुझे है श्रीराम से स्वागत करे ।
मै Waghmare से बुद्धम् शरणम् गच्छमि बोल दू और वे मुझे जय मातादीे कहे । तो मानो एक नया दौर ही शुरू हो गया । तो फिर करे शुरू ? ।।  
6
 मानव जागरण कार्य के अच्छे  परिणाम के कुछ उदाहरण :
  जागर कार्य का फीडबैक - सुप्रभात मित्रों,
१. बहुत सालों बाद सुप्रिया एक अनपढ़ मजदूर औरत कल मेरे क्लीनिक में अाई । उसके सारे दुख दर्दोंका चलत चित्र मेरे मन पटल पर उजागर हुआ । उसके बारे में मैंने इसके पूर्व लिखा भी था । थोड़े में बताना है तो बात यह थीं की अल्प आयु में ही उसका ब्याह रचाया गया और वह भी 15 साल बड़े आदमी से और वह उसे बहुत पीड़ा देता था और आज भी दे रहा है । फर्क इतना है की ...वही आज का फीडबैक है ...थोड़े काम की बातें होने के बाद वो एकदम फुले हुए जैसे चेहरे से बोली ' डॉक्टर भय्या जो आप कहते थे ना बिल्कुल वैसा ही करती हूं । ' ' मतलब क्या ? ' मैंने पूछा । तो कहती है के ' आप को याद है ना की मेरा मर्द मेरेको पीटता था और मै कुछ भी नहीं कर पाती थी और आप बोलते थे की कुछ तो करो कम से कम उसका हाथ तो पकड़ो । पर मेरा धैर्य नहीं था । लेकिन डॉक्टर साहब अब बिलकुल वैसा नहीं है । सिर्फ हात पकड़ना ही क्या उलटा में जब वो मरेको मारता है ना तो मै भी उसको दो की जगह ३/४ लगा ही देती हूं । कितने दिन फुकट का मार खाऊ ? ' बाकी उसका केस बहुत उलटा सीधा है बोले तो उलटा ही है पर एक बात है की कम से कम इस प्रतिकार के कारण उसकी पिटाई जरूर कम हुई है और प्रतिकार के कारण उसको जो एकदम निर्बल ता का भाव मन में था वह भी चला गया है । एक आत्मविश्वास जागा है ।
२. एडवोकेट शालिनी वैसी मेरी नयी पेशंट है पर बहुत सोशल है और मुक्त भाव से बोलती है । मैंने उसे सुप्रिया की कहानी बताई तो एकदम झटसे बोली ' ये तो सच है पर मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग में तो सब उलटा ही चल रहा है ' ... तो जब सामने वाला बोलने वाला हो तो मै अपने शब्दो को सीमित कर देता हू मैंने सिर्फ वही पूछा ' मतलब ? ' तो मैडम बोली की आजकल तो महिला अत्याचार के कलम के दुरुपयोग की ही बहुत जादे केसेस आ रही है । कितनी तो पैसे के लिए शादी और तलाक की है । बहुत दुखी हो जाते है पूरे परिवार के सदस्य इस कारण '
मै सोचने लगा हे भगवान की अब यह स्त्री शक्ति जागरण जैसे पुरुष शक्ति जागरण की भी जरूरत होगी क्या ?
पर जबाब तो मेरे पास था ही की ना कोई स्त्रीवाद ना पुरुष वाद बल्कि मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है जिसका पाठ बचपन में हमे मिलता है और फिर हम उस संस्कार को कभी का छोड़ देते है उसे ही उजागर करना चाहीए ।
३ . कल  बैंक में गया था तो संजय एकदम सामने आ गया मेरे फेसबुक पोस्ट में उसके लाईक शेयर तो आप नहीं देखेंगे पर बात तो बहुत दिल से और महत्व पूर्ण कहीं संजू ने ' आज कल बहुत अच्छे विषय लिख रहे हो डॉक्टर साहब परसो का को जो विषय लिखे हो ना वह समस्या मेरे भी परिवार में है और मै आपको मिलने आ रहा हू । बहुत पुण्य का काम है जी ' बहुत लोग आसपास होने के कारण मैंने कुछ जादा सवाल पूछे तो नहीं पर इतना कह दिया ' जरूर भय्या ' ।
हम यदि सोचते है और फिर करते है तो बहुत फर्क हो सकता है
धन्यवाद.
7
मुस्लिम भाई बहने अपनी सोच बदले ये आवश्यक है ।
हम मुसलमानों से प्यार करते है जब वे डागर बंधु, अमजद अली खान और अब्दुल कलाम होते है तब
और उसके विपरीत जो आतंक और औरंगजेब से करे प्यार उनका है विरोध है क्योंकि वह मानवता के विरुद्ध है ।
मत करो औरंगजेब और बाबर से प्यार
उन्होंने किया भयंकर अत्याचार 
प्यार है हमे मानवता वाले मुस्लिमों से अपार
☪️ islam of peace. Hindi English post :
https://prasad176phatak.blogspot.com/2023/06/an-appeal-to-muslims-acriss-world.html
' मेरा धर्म मजहब रिलिजन छोड़ के बाकी के सब तुच्छ है और सबको हमारे में शामिल होना चाहिये और नही हुए तो सारी गलत तरकीबे या ज़ोरजबरदस्ती करके मनवाना चाहिये ...' ये सब बहुत गलत विचार है और उन विचारों का पूरी तरह से त्याग करना चाहिये । 
इंसानियत और अमन है धर्म की नींव । गलत सोच से वो नींव ही हिलती जा रही है । बदलो अपने आपको । बाकी लोगोंका कुछ मत देखो । 
8
यहा स्वार्थ से भरी राहों मे मानवता का रास्ता मिलना है कठिन ।
 पर धैर्य से चलेंगे साथ मे तो जिंदगी में मिलेगा बड़ा सूकून ।।

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